- उगते सूर्य को करते सब प्रणाम -
चुना था हमने जिसे देश के विकास खातिर
उसके दिल में आया तो दिन में रात कर देगा
पुकारती हुई पुकार आज खो गयी है कही
विनम्र भाव सभी के लिए मन में सदैव हो,पर घनिष्ठता सीमित व्यक्
बहारों का मौसम सज़ा दिजिए ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
बस एक प्रहार कटु वचन का - मन बर्फ हो जाए
गृहस्थ आश्रम
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
छू कर तेरे दिल को, ये एहसास हुआ है,
नमी आंखों में साथ लाता है
मेरे जीवन में मंद - मंद पवन की तरह आई हो तुम
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हर सफ़र एक सबक हैं की मंज़िल तक कौन साथ चलेगा।
तेरी मौन की भाषा समझता हूॅं...
सत्य की जीत
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
पल पल रंग बदलती है दुनिया