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4 Nov 2024 · 1 min read

खोजने लगी वो सुख का खज़ाना,

खोजने लगी वो सुख का खज़ाना,
जो पल प्रतिपल उसे मिला नहीं!
बनाने लगी वो फ़िजूल का बहाना,
ससुराल में दिल उसका टिका नहीं!

…. अजित कर्ण ✍️

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