Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Nov 2024 · 1 min read

भाई – बहन के रिश्ते

!! भाई बहन के रिश्ते !!

साल में दो ऐसे दिन आते हैं जहां भाई-बहन के रिश्तों को मजबूत बनाते हैं। जो एक दूसरे के लिए आशीर्वाद एवं सुरक्षा की गारंटी लेते हैं।
पहला वह दिन जो रक्षाबंधन का दिन होता है जहां पर हर बहन अपने भाई की कलाई में रक्षा बांधती है और भाई की सुखी, समृद्धि के लिए भगवान से आशीर्वाद मांगती है तो वही भाई किसी भी विगत परस्थिति में अपनी बहन की रक्षा करने के लिए वचन वध होता है।

दूसरा दिन आज का दिन है, जिसे भैया दूज के नाम से जाना जाता है। इस दिन प्रत्येक नारी अपने भाइयों को पारंपरिक गीतों के माध्यम से मृत करती है फिर जीवित करती है और अंततः भाई को बताशा, लड्डू, चावल, मटर से बने प्रसाद को बजड़ी प्रसाद के रूप में कराती है और बजड़ी की तरह बजड़ बनाने के लिए भगवान से आशीर्वाद मांगती है।

@जय लगन कुमार हैप्पी
बेतिया, बिहार।

118 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from जय लगन कुमार हैप्पी
View all

You may also like these posts

चेहरे पर लिए तेज निकला है मेरा यार
चेहरे पर लिए तेज निकला है मेरा यार
इंजी. संजय श्रीवास्तव
*दिल चाहता है*
*दिल चाहता है*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मग़रिबी और मशरिक तो क्या सारे जहान में शुमार है जिसका ।
मग़रिबी और मशरिक तो क्या सारे जहान में शुमार है जिसका ।
Phool gufran
अच्छा खिलाड़ी वही है जो जज्बातों से नहीं , मैदानों में जज़्ब
अच्छा खिलाड़ी वही है जो जज्बातों से नहीं , मैदानों में जज़्ब
DR. RAKESH KUMAR KURRE
*दिल कहता है*
*दिल कहता है*
Kavita Chouhan
I love you ❤️
I love you ❤️
Otteri Selvakumar
मोमबत्तियां और तस्वीर
मोमबत्तियां और तस्वीर
Koमल कुmari
अविरल धारा।
अविरल धारा।
Amber Srivastava
तुम अमीर हो..? तब भी मरोगे, तुम गरीब हो..? तब भी मरोगे, तुम्
तुम अमीर हो..? तब भी मरोगे, तुम गरीब हो..? तब भी मरोगे, तुम्
पूर्वार्थ देव
पूँजीवाद का साँप
पूँजीवाद का साँप
SURYA PRAKASH SHARMA
वैसे तो मैं-----------------
वैसे तो मैं-----------------
gurudeenverma198
जादू था या तिलिस्म था तेरी निगाह में,
जादू था या तिलिस्म था तेरी निगाह में,
Shweta Soni
उमंगों की राह
उमंगों की राह
Sunil Maheshwari
कल तुम्हें याद किया,
कल तुम्हें याद किया,
Priya princess panwar
शहर तुम्हारा है तुम खुश क्यूँ नहीं हो
शहर तुम्हारा है तुम खुश क्यूँ नहीं हो
©️ दामिनी नारायण सिंह
दर्द इस क़दर मिले
दर्द इस क़दर मिले
हिमांशु Kulshrestha
- अनकहे जज्बात -
- अनकहे जज्बात -
bharat gehlot
कल से भी बेहतर करो
कल से भी बेहतर करो
संतोष बरमैया जय
चचहरा
चचहरा
कुमार अविनाश 'केसर'
दोहा
दोहा
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
*जीवन का सत्य*
*जीवन का सत्य*
Shashank Mishra
दोहा पंचक. . . . . शब्द
दोहा पंचक. . . . . शब्द
sushil sarna
हमसफ़र
हमसफ़र
Roopali Sharma
अंजान बनते हैं वो यूँ जानबूझकर
अंजान बनते हैं वो यूँ जानबूझकर
VINOD CHAUHAN
4772.*पूर्णिका*
4772.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"मिजाज़-ए-ओश"
ओसमणी साहू 'ओश'
आया दिन मतदान का, छोड़ो सारे काम
आया दिन मतदान का, छोड़ो सारे काम
Dr Archana Gupta
ग़ज़ल -1222 1222 122 मुफाईलुन मुफाईलुन फऊलुन
ग़ज़ल -1222 1222 122 मुफाईलुन मुफाईलुन फऊलुन
Neelam Sharma
आँख उठा कर देख लो दुनिया
आँख उठा कर देख लो दुनिया
डॉक्टर रागिनी
बसंत पंचमी
बसंत पंचमी
राजेश 'ललित'
Loading...