sp59 हर एक पत्नी समझ समझ का फेर
sp59 हर एक पत्नी समझती है/ समझ समझ का फेर
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हर इक पत्नी समझती है बनाती वो गजब खाना
समझिए पति की भी पीड़ा जिसे पड़ता है वही खाना
नहीं हिम्मत किसी में भी निकालें नुक्स खाने में
निकाला 1 दिन जो नुक्स पड़ेगा महीनों पछताना
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समझ समझ का फेर है प्यारे इसमें छिपा व्यंग देखो
पैनापन लाओ नजरों में जीवन की तरंग देखो
राजनीति में सब जायज है कोई स्तर नहीं रहा
धार खूब देखो पानी की उसमें घुली भंग दखो
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डॉक्टर इंजीनियर
मनोज श्रीवास्तव
यह भी गायब वह भी गायब