Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Oct 2024 · 1 min read

sp62 बाद पिता को /सूरज का शहर

sp62वृद्ध पिता को/ सूरज का शहर/ विकराल ज्वाल/ जाति धर्म और संप्रदाय
********************

वृद्ध पिता को नहीं पूछते बेटे इसमें हैरत क्या
क्या उम्मीद करें अपनो से उनको समय बताएगा

वक्त बदलते देर न लगती समय को आने जाने में
तय मानिए समय का शीशा उनको समय दिखाएगा
*
सूरज का शहर होता ही नहीं उसका सारा भूमंडल है
वह तीव्र जनित ज्वाला वाला ईश्वर का दिव्य कमंडल है

करता है प्रकाशित सकल सृष्टि दूरी प्रभु ने निर्धारित की
अनगिनत धधकते हवन कुंड का एक वृहद दावानल है
@
विकराल ज्वाल लपटें विशाल यों धधक रहा है दावानल
सूरज की तपन आकुल है मन है अजब गजब सा कोलाहल

उस परमपिता ने रची सृष्टि ब्रह्मांड बना डाला है नया
गांडीव जनित टंकारो से है मची हुई कुछ उथल-पुथल

निस्तब्ध पूछती है आत्मा हम क्यों आए हैं पता नहीं
मेरे अनाम अब उत्तर दे अब जाना है क्या और कहीं ?
@
जाति धर्म और संप्रदाय के मजहब से बाहर तो निकलो
खुद को देखो आईने में और बताओ क्या खुद को पहचान रहे हो

राजनीति के चतुर खिलाड़ी तुम्हें जमूरा बना रहे हैं
एक इशारे पर उंगली के जहां चाहते नचा रहे हैं
हम बदलेंगे इस खेले को अपने मन में ठान रहे हो
क्या खुद को पहचान रहे हो
@
डॉक्टर// इंजीनियर
मनोज श्रीवास्तव
यह भी गायब वह भी गायब

101 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Manoj Shrivastava
View all

You may also like these posts

अगर कभी किस्मत से किसी रास्ते पर टकराएंगे
अगर कभी किस्मत से किसी रास्ते पर टकराएंगे
शेखर सिंह
नींद ,  मुद्दत  से  रूठी  बैठी  है
नींद , मुद्दत से रूठी बैठी है
Dr fauzia Naseem shad
3432⚘ *पूर्णिका* ⚘
3432⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
नवरात्रि के सातवें दिन दुर्गाजी की सातवीं शक्ति देवी कालरात्
नवरात्रि के सातवें दिन दुर्गाजी की सातवीं शक्ति देवी कालरात्
Shashi kala vyas
तरु वे छायादार
तरु वे छायादार
RAMESH SHARMA
मैं तुम में अपनी दुनियां ढूँढने लगी
मैं तुम में अपनी दुनियां ढूँढने लगी
Ritu Verma
कभी ख़ुशी कभी ग़म
कभी ख़ुशी कभी ग़म
Dr. Rajeev Jain
प्रकृति संग इंसानियत की जरूरत
प्रकृति संग इंसानियत की जरूरत
Sudhir srivastava
डर किस बात का
डर किस बात का
Surinder blackpen
आज फिर मुझे गुजरा ज़माना याद आ गया
आज फिर मुझे गुजरा ज़माना याद आ गया
Jyoti Roshni
नज़र मिल जाए तो लाखों दिलों में गम कर दे।
नज़र मिल जाए तो लाखों दिलों में गम कर दे।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
A tail star 'comet'
A tail star 'comet'
Buddha Prakash
जवाब सिर्फ आप हो
जवाब सिर्फ आप हो
Rambali Mishra
मुसाफिर.......
मुसाफिर.......
Harminder Kaur
*श्री राजेंद्र कुमार शर्मा का निधन : एक युग का अवसान*
*श्री राजेंद्र कुमार शर्मा का निधन : एक युग का अवसान*
Ravi Prakash
विषय-जिंदगी।
विषय-जिंदगी।
Priya princess panwar
गज़ब का शोर मचता है,
गज़ब का शोर मचता है,
श्याम सांवरा
महिमां मरूधर री
महिमां मरूधर री
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
- अभी -अभी -
- अभी -अभी -
bharat gehlot
प्रतिभा  झोपड़ी  में कैद रहती
प्रतिभा झोपड़ी में कैद रहती
Acharya Shilak Ram
With every step, you learn, you soar,
With every step, you learn, you soar,
Sakshi Singh
बदरा बरसे
बदरा बरसे
Dr. Kishan tandon kranti
जिंदगी और आसू
जिंदगी और आसू
पूर्वार्थ
उम्र के फासले
उम्र के फासले
Namita Gupta
🙅कर्नाटक डायरी🙅
🙅कर्नाटक डायरी🙅
*प्रणय प्रभात*
राह भी हैं खुली जाना चाहो अगर।
राह भी हैं खुली जाना चाहो अगर।
Abhishek Soni
भाईचारा
भाईचारा
Dr.Pratibha Prakash
जीवन ऐसे ही होता है
जीवन ऐसे ही होता है
प्रदीप कुमार गुप्ता
अल्फाजों को क्या खबर
अल्फाजों को क्या खबर
हिमांशु Kulshrestha
फिर भी यह मेरी यह दुहा है
फिर भी यह मेरी यह दुहा है
gurudeenverma198
Loading...