Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Oct 2024 · 1 min read

“लौ दीये की”

“लौ दीये की”

लौ दीये की है साँसों को रौशन किए,
दिल अकेला है मगर जमाना साथ है।

2 Likes · 2 Comments · 93 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

#राष्ट्रीय_उपभोक्ता_दिवस
#राष्ट्रीय_उपभोक्ता_दिवस
*प्रणय प्रभात*
ज़िंदगी
ज़िंदगी
Dr. Rajeev Jain
३ बंदर(३ का पहाड़ा)
३ बंदर(३ का पहाड़ा)
Dr. Vaishali Verma
ए आई
ए आई
TAMANNA BILASPURI
सुनहरी भाषा
सुनहरी भाषा
Ritu Asooja
अटल
अटल
राकेश चौरसिया
"कबूतर"
Dr. Kishan tandon kranti
शिक्षक
शिक्षक
विशाल शुक्ल
उसका होना उजास बन के फैल जाता है
उसका होना उजास बन के फैल जाता है
Shweta Soni
मसला ये नहीं कि लोग परवाह नहीं करते,
मसला ये नहीं कि लोग परवाह नहीं करते,
पूर्वार्थ
मानव युग
मानव युग
SURYA PRAKASH SHARMA
सब जो भी बोलते हैं, उन्हें बोलने दो,
सब जो भी बोलते हैं, उन्हें बोलने दो,
Shikha Mishra
- आम मंजरी
- आम मंजरी
Madhu Shah
*जनहित में विद्यालय जिनकी, रचना उन्हें प्रणाम है (गीत)*
*जनहित में विद्यालय जिनकी, रचना उन्हें प्रणाम है (गीत)*
Ravi Prakash
बताती जा रही आंखें
बताती जा रही आंखें
surenderpal vaidya
रिश्ते-नाते
रिश्ते-नाते
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
जिंदगी
जिंदगी
Bodhisatva kastooriya
वो दिन कभी ना आएगा
वो दिन कभी ना आएगा
प्रदीप कुमार गुप्ता
अधूरी मोहब्बत
अधूरी मोहब्बत
Sagar Yadav Zakhmi
जिस चीज में दिल ना लगे,
जिस चीज में दिल ना लगे,
Sunil Maheshwari
3742.💐 *पूर्णिका* 💐
3742.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*स्वार्थी दुनिया *
*स्वार्थी दुनिया *
Priyank Upadhyay
घर संसार
घर संसार
राजेश 'ललित'
जुड़ी हुई छतों का जमाना था,
जुड़ी हुई छतों का जमाना था,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दोहा पंचक. . . . नवयुग
दोहा पंचक. . . . नवयुग
sushil sarna
मानवता
मानवता
लक्ष्मी सिंह
राहत
राहत
Seema gupta,Alwar
बस अपनी बात मनवाने आती है।
बस अपनी बात मनवाने आती है।
Iamalpu9492
प्रकृति का दर्द– गहरी संवेदना।
प्रकृति का दर्द– गहरी संवेदना।
Abhishek Soni
दरअसल बिहार की तमाम ट्रेनें पलायन एक्सप्रेस हैं। यह ट्रेनों
दरअसल बिहार की तमाम ट्रेनें पलायन एक्सप्रेस हैं। यह ट्रेनों
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
Loading...