रिसाय के उमर ह , मनाए के जनम तक होना चाहि ।
ज़ुल्म की इब्तिदा , ज़ुल्म की इंतिहा
जब मेले ने देखा चुड़ियों से मिल "इश्क का रंग"
गीत- कोई रोया हँसा कोई...
जिंदगी में अपने मैं होकर चिंतामुक्त मौज करता हूं।
अपार संभावनाएंं हैं इस दुनियां में...
हम जानते है कि हम अब समझदार हो चुके है और हम यह भी जानते है
*कोई जीता कोई हारा, क्रम यह चलता ही रहता है (राधेश्यामी छंद)
- तुझे पाने की ख्वाईश ख्वाईश ही रह गई -
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
ना रहीम मानता हूँ ना राम मानता हूँ
ऊँची पहाड़ियों पर भी बर्फ पिघलते हैं,
सुत मरियो हित देश ने हरकियों बन्धु समाज मां ने हरकी जन्म देन
Relationship is not only about being Girlfriend or Boyfriend