Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Oct 2024 · 1 min read

दोहा त्रयी. . .

दोहा त्रयी. . .

जाने यह इंसान क्यों , अक्सर जाता भूल ।
पुष्प दलों को छेदते, उसके अपने शूल ।।

सुख की परतों में कई , अनदेखे हैं शूल ।
इनकी तीखी वेदना, याद दिलाती भूल ।।

अंतस के हर भाव का, नयन करें अनुवाद ।
मौन पलों को चीरती, उस जुल्मी की याद ।।

सुशील सरना / 25-10-24

99 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

..
..
*प्रणय प्रभात*
मया के खजाना
मया के खजाना
डिजेन्द्र कुर्रे
ह्रदय की पीड़ा से
ह्रदय की पीड़ा से
Dr fauzia Naseem shad
राधा रानी
राधा रानी
Mamta Rani
सच का राही
सच का राही
Rambali Mishra
पर्यावरण संरक्षण*
पर्यावरण संरक्षण*
Madhu Shah
दिल से कह देना कभी किसी और की
दिल से कह देना कभी किसी और की
शेखर सिंह
शायद ...
शायद ...
हिमांशु Kulshrestha
हर पल तलाशती रहती है नज़र,
हर पल तलाशती रहती है नज़र,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"मुसाफिर"
Dr. Kishan tandon kranti
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बादल बरखा कब लाओगे
बादल बरखा कब लाओगे
जगदीश शर्मा सहज
दुशासन वध
दुशासन वध
Jalaj Dwivedi
पहलगाम: सन्नाटा भी चीख पड़ा
पहलगाम: सन्नाटा भी चीख पड़ा
अरशद रसूल बदायूंनी
उसपे अपने शब्द व्यर्थ न किए जाए।
उसपे अपने शब्द व्यर्थ न किए जाए।
Kanchan Alok Malu
मेरा दिल
मेरा दिल
SHAMA PARVEEN
मौलिक विचार
मौलिक विचार
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
बहुत भूत भविष्य वर्तमान रिश्ते प्रेम और बाकी कुछ भी सोचने के
बहुत भूत भविष्य वर्तमान रिश्ते प्रेम और बाकी कुछ भी सोचने के
पूर्वार्थ
रात का तो है बस मुहँ काला।
रात का तो है बस मुहँ काला।
Priya princess panwar
*यह समय के एक दिन, हाथों से मारा जाएगा( हिंदी गजल/गीतिका)*
*यह समय के एक दिन, हाथों से मारा जाएगा( हिंदी गजल/गीतिका)*
Ravi Prakash
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कई बार अंधकार इतना गहरा होता है कि खुद जुगनू बनना तो दूर कही
कई बार अंधकार इतना गहरा होता है कि खुद जुगनू बनना तो दूर कही
SATPAL CHAUHAN
कुछ लोग यूँ ही बदनाम नहीं होते...
कुछ लोग यूँ ही बदनाम नहीं होते...
मनोज कर्ण
मानव जीवन की एक-एक स्वास् बहुत कीमती है अच्छे इंसानों का निर
मानव जीवन की एक-एक स्वास् बहुत कीमती है अच्छे इंसानों का निर
ललकार भारद्वाज
4197💐 *पूर्णिका* 💐
4197💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
बैठे हो क्यों रूठ कर,
बैठे हो क्यों रूठ कर,
sushil sarna
एक पिता की पीर को, दे दो कुछ भी नाम।
एक पिता की पीर को, दे दो कुछ भी नाम।
Suryakant Dwivedi
हमारे गीत ये सुनकर
हमारे गीत ये सुनकर
gurudeenverma198
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
Sushil Pandey
जिंदगी देने वाली माँ
जिंदगी देने वाली माँ
shabina. Naaz
Loading...