Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Oct 2024 · 1 min read

जिंदगी बेहया हो गई।

जिंदगी बेहया हो गई।
दर्द ही अब दवा हो गई।।
क्या हुआ कब हुआ क्यों हुआ,
ताजगी ही दफा हो गई।।

— ननकी 25/10/2024

181 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

बेजुबान और कसाई
बेजुबान और कसाई
मनोज कर्ण
#आस
#आस
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
रक्षा बंधन
रक्षा बंधन
Shyam Sundar Subramanian
आजकल जिंदगी भी,
आजकल जिंदगी भी,
Umender kumar
प्रेम
प्रेम
विशाल शुक्ल
बात मन की
बात मन की
कार्तिक नितिन शर्मा
"दिल दे तो इस मिजाज का परवरदिगार दे, जो गम की घड़ी भी खुशी स
Harminder Kaur
जिंदगी जी लो
जिंदगी जी लो
Ruchika Rai
किसानों की दुर्दशा पर एक तेवरी-
किसानों की दुर्दशा पर एक तेवरी-
कवि रमेशराज
कुछ बात
कुछ बात
ललकार भारद्वाज
हिंदी दोहे - सभा (दोहाकार- राजीव नामदेव राना लिधौरी)
हिंदी दोहे - सभा (दोहाकार- राजीव नामदेव राना लिधौरी)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
उसके घर से दूर नहीं घर मेरा
उसके घर से दूर नहीं घर मेरा
Durva
डमरू वर्ण पिरामिड
डमरू वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
तुमसे अक्सर ही बातें होती है।
तुमसे अक्सर ही बातें होती है।
अश्विनी (विप्र)
*** अंकुर और अंकुरित मन.....!!! ***
*** अंकुर और अंकुरित मन.....!!! ***
VEDANTA PATEL
"यादों के उजाले"
Dr. Kishan tandon kranti
गृहस्थ के राम
गृहस्थ के राम
Sanjay ' शून्य'
तेरा इश्क जब ख़ुशबू बनकर मेरी रूह में महकता है
तेरा इश्क जब ख़ुशबू बनकर मेरी रूह में महकता है
शेखर सिंह
स्मृतियाँ
स्मृतियाँ
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
*मस्तियों की आ गई ऋतु, अब हवा में प्यार है (हिंदी गजल)
*मस्तियों की आ गई ऋतु, अब हवा में प्यार है (हिंदी गजल)
Ravi Prakash
दोहा - कहें सुधीर कविराय
दोहा - कहें सुधीर कविराय
Sudhir srivastava
जो पहेली है ज़िन्दगानी की
जो पहेली है ज़िन्दगानी की
Dr fauzia Naseem shad
रात भी तन्हाई भरी काटना ऐ मेरे दोस्त,
रात भी तन्हाई भरी काटना ऐ मेरे दोस्त,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
।।
।।
*प्रणय प्रभात*
"राजनीति में आत्मविश्वास के साथ कही गई हर बात पत्थर पर लकीर
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
संवेदनाएं जिंदा रखो
संवेदनाएं जिंदा रखो
नेताम आर सी
द्रौपदी की व्यथा
द्रौपदी की व्यथा
Shweta Soni
संत कबीर
संत कबीर
Indu Singh
रे मन! यह संसार बेगाना
रे मन! यह संसार बेगाना
अंजनी कुमार शर्मा 'अंकित'
दुलरि ओ ,धिया जानकी
दुलरि ओ ,धिया जानकी
श्रीहर्ष आचार्य
Loading...