Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Oct 2024 · 1 min read

कभी उनका

अपने होने का अहसास उनकों अगर होता ।
सड़कों पर कभी उन का बसेरा नहीं होता ।।
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 268 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

क्यूं में एक लड़की हूं
क्यूं में एक लड़की हूं
Shinde Poonam
दाता
दाता
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
ई आलम
ई आलम
आकाश महेशपुरी
जुआं उन जोखिमों का कुंआ है जिसमे युधिष्ठिर अपना सर्वस्व हार
जुआं उन जोखिमों का कुंआ है जिसमे युधिष्ठिर अपना सर्वस्व हार
Rj Anand Prajapati
कोई कितना
कोई कितना
Dr fauzia Naseem shad
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
रोज रात जिन्दगी
रोज रात जिन्दगी
Ragini Kumari
"Be-
Ankita Patel
ଧରା ଜଳେ ନିଦାଘରେ
ଧରା ଜଳେ ନିଦାଘରେ
Bidyadhar Mantry
#विशेष_दोहा-
#विशेष_दोहा-
*प्रणय प्रभात*
कविता कविता दिखती है
कविता कविता दिखती है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
अक्सर ये ख्याल सताता है
अक्सर ये ख्याल सताता है
Chitra Bisht
नज़्म _मिट्टी और मार्बल का फर्क ।
नज़्म _मिट्टी और मार्बल का फर्क ।
Neelofar Khan
बाज
बाज
लक्ष्मी सिंह
निर्मल मन तुम
निर्मल मन तुम
Rambali Mishra
"मुश्किलों के आगे मंजिलें हैं ll
पूर्वार्थ
आज दिल कुछ उदास सा है,
आज दिल कुछ उदास सा है,
Manisha Wandhare
"बचपन जिन्दाबाद"
Dr. Kishan tandon kranti
- तेरे बिना -
- तेरे बिना -
bharat gehlot
जिंदगी से कुछ यू निराश हो जाते हैं
जिंदगी से कुछ यू निराश हो जाते हैं
Ranjeet kumar patre
होली खेलन पधारो
होली खेलन पधारो
Sarla Mehta
औरतें, क्यूं दलील देती हैं
औरतें, क्यूं दलील देती हैं
Shweta Soni
महाशिवरात्रि
महाशिवरात्रि
Neerja Sharma
गांव की भोर
गांव की भोर
Mukesh Kumar Rishi Verma
जैसे-जैसे दिन ढला,
जैसे-जैसे दिन ढला,
sushil sarna
मेरे हमसफ़र
मेरे हमसफ़र
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
कैसा होगा भारत का भविष्य
कैसा होगा भारत का भविष्य
gurudeenverma198
3366.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3366.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
हिंदी दोहे - दही
हिंदी दोहे - दही
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
गजल
गजल
Santosh kumar Miri
Loading...