भाई बहन की संवेदना (रक्षाबंधन पर्व)
तुझमें कैसे रंग बस जाऊं, श्याम रंग तो खुद हैं मेरा।
जीवन की सुरुआत और जीवन का अंत
ग़ज़ल सगीर अहमद सिद्दीकी खैरा बाजार
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
हसरतें बहुत हैं इस उदास शाम की
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
Ranjeet Kumar Shukla- Hajipur
रामलला त्रेता में जन्में, पूर्ण ब्रह्म अवतार हैं (हिंदी गजल)
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
!!!! इंकलाब जिनका नारा था !!!
उसकी सूरत में उलझे हैं नैना मेरे।