Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Oct 2024 · 1 min read

मिलता है…

स्नेह, त्याग, छमा, उदारता का
अवसर अपने घर में ज्यादा मिलता है।
दूसरी जगह अपेक्षा, ऊपेक्षा और दुःख ही मिलता है।।

140 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

नहीं घुटता दम अब सिगरेटों के धुएं में,
नहीं घुटता दम अब सिगरेटों के धुएं में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
न मंजिल है कोई न कोई डगर
न मंजिल है कोई न कोई डगर
VINOD CHAUHAN
गांवों की सिमटती हरियाली
गांवों की सिमटती हरियाली
Sudhir srivastava
Don't let people who have given up on your dreams lead you a
Don't let people who have given up on your dreams lead you a
पूर्वार्थ
सजल
सजल
seema sharma
टैक्स और राजनीति
टैक्स और राजनीति
विजय कुमार अग्रवाल
*हिन्दी स्वरों की समझ*
*हिन्दी स्वरों की समझ*
Dushyant Kumar
बस यूंही
बस यूंही
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
गंगा स्नान
गंगा स्नान
विशाल शुक्ल
*व्यापारी पर्याय श्री शैलेंद्र शर्मा (कुंडलिया)*
*व्यापारी पर्याय श्री शैलेंद्र शर्मा (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
3986.💐 *पूर्णिका* 💐
3986.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
..
..
*प्रणय प्रभात*
- वो डॉक्टरेट की पढ़ाई कर रही होगी -
- वो डॉक्टरेट की पढ़ाई कर रही होगी -
bharat gehlot
इससे बढ़कर पता नहीं कुछ भी ।
इससे बढ़कर पता नहीं कुछ भी ।
Dr fauzia Naseem shad
ज़ब तक धर्मों मे पाप धोने की व्यवस्था है
ज़ब तक धर्मों मे पाप धोने की व्यवस्था है
शेखर सिंह
मोर पंख सी नाचे धरती, आह सुहानी
मोर पंख सी नाचे धरती, आह सुहानी
Suryakant Dwivedi
** मुक्तक **
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
💪         नाम है भगत सिंह
💪 नाम है भगत सिंह
Sunny kumar kabira
Love is beautiful but currency is powerful ❤️❤️❤️💴💴💵💵💶💶💷💷
Love is beautiful but currency is powerful ❤️❤️❤️💴💴💵💵💶💶💷💷
Rj Anand Prajapati
सिमट के रह गए , परछाइयों में शौक़ से तारे
सिमट के रह गए , परछाइयों में शौक़ से तारे
Neelofar Khan
"यादों में"
Dr. Kishan tandon kranti
*मतलबी दुनिया की प्रीत*
*मतलबी दुनिया की प्रीत*
Abhilesh sribharti अभिलेश श्रीभारती
ये दिल न जाने क्या चाहता है...
ये दिल न जाने क्या चाहता है...
parvez khan
हो रहा है चर्चा हमारा चारों तरफ़,
हो रहा है चर्चा हमारा चारों तरफ़,
Jyoti Roshni
तुम्हारी आँख से जब आँख मिलती है मेरी जाना,
तुम्हारी आँख से जब आँख मिलती है मेरी जाना,
SURYA PRAKASH SHARMA
#खुलीबात
#खुलीबात
DrLakshman Jha Parimal
सुनो
सुनो
sheema anmol
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
मेरी घरवाली
मेरी घरवाली
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
सूरत से यूं बरसते हैं अंगारें कि जैसे..
सूरत से यूं बरसते हैं अंगारें कि जैसे..
Shweta Soni
Loading...