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24 Oct 2024 · 1 min read

4748.*पूर्णिका*

4748.*पूर्णिका*
🌷 दिल से दिल में उन्मुक्त प्यार हो 🌷
22 22 212 12
दिल से दिल में उन्मुक्त प्यार हो।
रोज बसंती मस्त बहार हो ।।
जीवन हरदम खिल उठे यहाँ ।
अपना प्यारा सा संसार हो ।।
सच बदलेंगे सोच सजन अब।
अपनी भूल कमी सुधार हो ।।
देखो वक्त के साथ हम चले ।
दुनिया में सुंदर निखार हो।।
देंगे खेदू हर खुशी यहाँ ।
साजन नेकी का विचार हो ।।
……✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
24-10-2024गुरूवार

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