Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Oct 2024 · 1 min read

खत्म न हो सकी कभी

खत्म न हो सकी कभी
शोषण की दास्ताँ।
रखता नहीं समाज कभी
जिससे वास्ता ।।
मंज़िल को मैं भी पा लूँ
चाहत मुझे भी है।
निकले अगर कहीं से
कोई जो रास्ता ।।
होती उसे ख़बर भी
अपने मेयार की।
अपने गरेबां में
कोई जो झांकता।।
हाथों में मुंह छुपा कर
इंसानियत न रोती।
अपनी निम्नता को
कोई तो नापता।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद

1 Like · 170 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

शक्ति स्वरूपा
शक्ति स्वरूपा
Uttirna Dhar
हमारे बुजुर्गो की वैज्ञानिक सोच
हमारे बुजुर्गो की वैज्ञानिक सोच
मधुसूदन गौतम
तेरी यादों को रखा है सजाकर दिल में कुछ ऐसे
तेरी यादों को रखा है सजाकर दिल में कुछ ऐसे
Shweta Soni
"सुप्रभात"
Yogendra Chaturwedi
ग़ज़ल : इन आँधियों के गाँव में तूफ़ान कौन है
ग़ज़ल : इन आँधियों के गाँव में तूफ़ान कौन है
Nakul Kumar
कल हमारा है
कल हमारा है
Sudhir srivastava
दीप जलाया है अंतस का,
दीप जलाया है अंतस का,
Priya Maithil
अंतरात्मा की आवाज
अंतरात्मा की आवाज
SURYA PRAKASH SHARMA
जितने भी मशहूर हो गए
जितने भी मशहूर हो गए
Manoj Mahato
हर रोज़ यहां से जो फेंकता है वहां तक।
हर रोज़ यहां से जो फेंकता है वहां तक।
*प्रणय प्रभात*
कोशी मे लहर
कोशी मे लहर
श्रीहर्ष आचार्य
हो हमारी या तुम्हारी चल रही है जिंदगी।
हो हमारी या तुम्हारी चल रही है जिंदगी।
सत्य कुमार प्रेमी
परिस्थितीजन्य विचार
परिस्थितीजन्य विचार
Shyam Sundar Subramanian
"मैं तुम्हारा रहा"
Lohit Tamta
प्रेम और भक्ति
प्रेम और भक्ति
Indu Singh
पसन्द है मुझे
पसन्द है मुझे
Dr. Kishan tandon kranti
गिरिधारी छंद विधान (सउदाहरण )
गिरिधारी छंद विधान (सउदाहरण )
Subhash Singhai
बहारों का मौसम सज़ा दिजिए ।
बहारों का मौसम सज़ा दिजिए ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
राधा-मोहन
राधा-मोहन
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
इन दिनों कुछ समझ में नहीं आ रहा है जिंदगी मुझे कहा ले जा रही
इन दिनों कुछ समझ में नहीं आ रहा है जिंदगी मुझे कहा ले जा रही
पूर्वार्थ देव
اور کیا چاہے
اور کیا چاہے
Dr fauzia Naseem shad
प्रिय तुझसे मैं प्यार करूँ ...
प्रिय तुझसे मैं प्यार करूँ ...
sushil sarna
चिंतन का विषय अशिक्षा की पीड़ा,, बेटा बचाओ
चिंतन का विषय अशिक्षा की पीड़ा,, बेटा बचाओ
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
किताबें
किताबें
Dr. Bharati Varma Bourai
4550.*पूर्णिका*
4550.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नर से नर पिशाच की यात्रा
नर से नर पिशाच की यात्रा
Sanjay ' शून्य'
प्रार्थना
प्रार्थना
Dr.Pratibha Prakash
ओ बजरंगी हनुमान मेरी सुन लो करुण पुकार रचनाकार :अरविंद भारद्वाज
ओ बजरंगी हनुमान मेरी सुन लो करुण पुकार रचनाकार :अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
“उसकी यादें”
“उसकी यादें”
ओसमणी साहू 'ओश'
Loading...