Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Oct 2024 · 1 min read

लोगों की अच्छाईयांँ तब नजर आती है जब।

लोगों की अच्छाईयांँ तब नजर आती है जब।
लोग इस दुनियांँ से चले जाते हैं।
जीते जी तो बुराईयांँ ही नजर आती है सबकी ।
………..✍️ योगेन्द्र चतुर्वेदी

127 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

बात सच्ची अगर कही होती
बात सच्ची अगर कही होती
Dr fauzia Naseem shad
The starry night
The starry night
Raven
इन राहों में सफर करते है, यादों के शिकारे।
इन राहों में सफर करते है, यादों के शिकारे।
Manisha Manjari
मौज  कर हर रोज कर
मौज कर हर रोज कर
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हम सम्भल कर चलते रहे
हम सम्भल कर चलते रहे
VINOD CHAUHAN
"" *जीवन आसान नहीं* ""
सुनीलानंद महंत
*अधूरी बात*
*अधूरी बात*
Abhilesh sribharti अभिलेश श्रीभारती
पीत चुनरिया पीत वसन है
पीत चुनरिया पीत वसन है
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
उम्मीद
उम्मीद
ओनिका सेतिया 'अनु '
मां भारती से कल्याण
मां भारती से कल्याण
Sandeep Pande
आस्था की है लगी डुबकी सदा देखा
आस्था की है लगी डुबकी सदा देखा
S K Singh Singh
..
..
*प्रणय प्रभात*
ये  शराफत छोड़िए  अब।
ये शराफत छोड़िए अब।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
आंख से मत कुरेद तस्वीरें - संदीप ठाकुर
आंख से मत कुरेद तस्वीरें - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
*जीवनदाता वृक्ष हैं, भरते हम में जान (कुंडलिया)*
*जीवनदाता वृक्ष हैं, भरते हम में जान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
"कुछ लोग"
Dr. Kishan tandon kranti
আমার ভালোবাসার শিব
আমার ভালোবাসার শিব
Arghyadeep Chakraborty
” भेड़ चाल “
” भेड़ चाल “
ज्योति
हल ....
हल ....
sushil sarna
थोड़ा सा थक जाता हूं अब मैं,
थोड़ा सा थक जाता हूं अब मैं,
पूर्वार्थ
Is it actually necessary to poke fingers in my eyes,
Is it actually necessary to poke fingers in my eyes,
Chaahat
नीर के तीर पर पीर को देखें अखियां...
नीर के तीर पर पीर को देखें अखियां...
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
ममता
ममता
Rambali Mishra
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता -211 से कुछ चुने हुए दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता -211 से कुछ चुने हुए दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
परिचय ---- नाम- अरुण कुमार मिश्र
परिचय ---- नाम- अरुण कुमार मिश्र
श्रीहर्ष आचार्य
कर्म ही आड़े आएगा
कर्म ही आड़े आएगा
संतोष बरमैया जय
दोस्ती का मर्म (कविता)
दोस्ती का मर्म (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
चलने दे मुझे... राह एकाकी....
चलने दे मुझे... राह एकाकी....
पं अंजू पांडेय अश्रु
If our kids do not speak their mother tongue, we force them
If our kids do not speak their mother tongue, we force them
DrLakshman Jha Parimal
मंथन
मंथन
Mukund Patil
Loading...