महादेवी वर्मा जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि🙏🏻🙏🏻🙏🏻
मेरे परीकल्पनाओं की परिणाम हो तुम
*आत्मा का अर्पण*
डा0 निधि श्रीवास्तव "सरोद"
*हमारा विनाश कव शुरू हुआ था?* 👉🏻
“लिखने से कतराने लगा हूँ”
वो मेरे प्रेम में कमियाँ गिनते रहे
*अपने गुट को अच्छा कहना, बाकी बुरा बताना है (हिंदी गजल)*
इतनी मिलती है तेरी सूरत से सूरत मेरी
खुशी मुझको मिलती है, सिर्फ़ तुमसे ही
रमेशराज के वर्णिक छंद में मुक्तक
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त्यागने से जागने की ओर - रविकेश झा
औरते और शोहरते किसी के भी मन मस्तिष्क को लक्ष्य से भटका सकती
हमें कोटला सुल्तान सिंह चलना चाहिए