मुश्किल से मुश्किल हालातों से
तेरा इश्क जब ख़ुशबू बनकर मेरी रूह में महकता है
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
ग़ज़ल(चलो हम करें फिर मुहब्ब्त की बातें)
गर तुम मिलने आओ तो तारो की छाँव ले आऊ।
पवित्र होली का पर्व अपने अद्भुत रंगों से
मैं पत्नी हूँ,पर पति का प्यार नहीं।
अहंकार एक ऐसे ज्वर के समान है जिसके उतरने के बाद ही नैतिकता,
साये की तरह मेरा साथ, तुम निभाना ना कभी,
AE888 - Nhà Cái Số 1, Giao Dịch Siêu Tốc, Nạp Rút An Toàn. T
गीत- उड़ाओ प्यार के बादल...