हम बंधन में रहकर भी मुक्ति का आनंद उठा सकते हैं, बस हमें परि
दुर्घटनाओं के पीछे जन मानस में क्रांति हो...
धन तभी सार्थक है जब धर्म भी साथ हो, विशिष्टता तभी सार्थक है
थोड़ा राज बनकर रहना जरूरी हो गया है दोस्त,
**देखी सारी दुनिया जग में कोई ऐसा पाया जा**
"You’re going to realize it one day—that happiness was never
जमाना खराब हैं....
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
तुझसे नहीं तेरी यादों से याराना है, चेहरे से ज्यादा तेरी बातों को पहचाना है।
*जैसे- बड़े नाना, छोटे नाना*
फाग गीत
Santosh kumar Miri "kaviraj"
ये अमावस की रात तो गुजर जाएगी
बदन खुशबुओं से महकाना छोड़ दे
जब मुश्किलें राह में आई थीं,
Abhilesh sribharti अभिलेश श्रीभारती
बढ़ी हैं दूरियाँ दिल की भले हम पास बैठे हों।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"