कलाकारी में भी यूं चार चांद लगाते हैं,
नहीं वजह हैं कोई प्रिये, आज तुम्हें बताने की।
Lodhi Shyamsingh Rajput "Tejpuriya"
पसन्द नहीं था खुदा को भी, यह रिश्ता तुम्हारा
मुझे भी "याद" रखना,, जब लिखो "तारीफ " वफ़ा की.
बचपन और बुढ़ापे का सच हैं
जिनिगी के नइया डूबल जाले लोरवा में
उलझी उलझी सी रहे , यहाँ वक़्त की डोर
जो अच्छा लगे उसे अच्छा कहा जाये
राम - दोहे - डी के निवातिया
अप कितने भी बड़े अमीर सक्सेस हो जाओ आपके पास पैसा सक्सेस सब
Kp
Aasukavi-K.P.S. Chouhan"guru"Aarju"Sabras Kavi
महब्बत मैगनेट है और पइसा लोहा
पुनीत /लीला (गोपी) / गुपाल छंद (सउदाहरण)