स्त्री संयम में तब ही रहेगी जब पुरुष के भीतर शक्ति हो
सौहार्द शिरोमणि संत डा सौरभ पाण्डेय के विचार
हिंदी प्रेमी : एक कविता जो भाषा से आत्मा तक का संबंध जोड़ती है
लाख बड़ा हो वजूद दुनियां की नजर में
आख़िर तुमने रुला ही दिया!
तेरी दीद जैसे हर कोई चांद का दीदार करे,
रामपुर महोत्सव प्रतीक चिन्ह (लोगो)* *प्रतियोगिता में मेरा लोगो पुरस्कृत*
शब्द और दबाव / मुसाफ़िर बैठा
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
जिंदगी अब मुझे रास आती नहीं और मौत से भी क्या अब मैं शिकायत
ऐ भाई - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
पिता की दौलत न हो तो हर गरीब वर्ग के
आवारा चाहत
Kunwar kunwar sarvendra vikram singh
तेरी यादों को रखा है सजाकर दिल में कुछ ऐसे