Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Oct 2024 · 1 min read

गीत- न देखूँ तो मुझे देखे…

गीत- न देखूँ तो मुझे देखे…

न देखूँ तो मुझे देखे चुरा नज़रें मुहब्बत में।
छिपा उल्फ़त सताती दिल बड़ी ज़ालिम है चाहत में।।

करूँ इज़हार हँसकर वो मना करती हराती है।
मगर मुस्क़ान भरकर फिर नई आशा जगाती है।
अनोखी है सलौनी है बसी दिल में इबादत में।
छिपा उल्फ़त सताती दिल बड़ी ज़ालिम है चाहत में।।

अदाओं में शराफ़त में बड़ी भोली निराली है।
उसे देखूँ असर ऐसा करे ज्यों चाय प्याली है।
ख़ुशी उससे बड़ी ये है खड़ी मिलती हिफाज़त में।
छिपा उल्फ़त सताती दिल बड़ी ज़ालिम है चाहत में।।

दुपट्टा ख़ुद गिराती है सदा छत से मुझी पर वो
मुझे अपना दिखाकर दिल लुटाती है मुझी पर वो।
मुझे नित प्यार आता है सनम की हर नज़ाकत में।
छिपा उल्फ़त सताती दिल बड़ी ज़ालिम है चाहत में।।

आर. एस. ‘प्रीतम’

1 Like · 152 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all

You may also like these posts

भगवान
भगवान
विशाल शुक्ल
अगहन माह के प्रत्येक गुरुवार का विशेष महत्व है। इस साल 21 नव
अगहन माह के प्रत्येक गुरुवार का विशेष महत्व है। इस साल 21 नव
Shashi kala vyas
*मैं और मेरी तन्हाई*
*मैं और मेरी तन्हाई*
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
जिस ओर उठी अंगुली जगकी
जिस ओर उठी अंगुली जगकी
Priya Maithil
குளு குளு அறை
குளு குளு அறை
Otteri Selvakumar
“दाग़”
“दाग़”
ओसमणी साहू 'ओश'
क्या मेरा
क्या मेरा
Dr fauzia Naseem shad
*Lesser expectations*
*Lesser expectations*
Poonam Matia
उम्र नहीं बाधक होता।
उम्र नहीं बाधक होता।
manorath maharaj
मेरी अम्मा
मेरी अम्मा
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
*तू ही  पूजा  तू ही खुदा*
*तू ही पूजा तू ही खुदा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
महानायक दशानन रावण/ mahanayak dashanan rawan 01 by karan Bansiboreliya
महानायक दशानन रावण/ mahanayak dashanan rawan 01 by karan Bansiboreliya
Karan Bansiboreliya
"बसंत पंचमी "
Pushpraj Anant
दोस्ती
दोस्ती
Rambali Mishra
एक मौके की तलाश
एक मौके की तलाश
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
बहुत हैं!
बहुत हैं!
Srishty Bansal
हमेशा की नींद सुला दी गयी
हमेशा की नींद सुला दी गयी
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
अश्लीलता - गंदगी - रील
अश्लीलता - गंदगी - रील
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
लाल बत्तियों से चलते है वो जिन्हे अधिकारी कहते हैं।
लाल बत्तियों से चलते है वो जिन्हे अधिकारी कहते हैं।
Rj Anand Prajapati
मुसीबत में बड़े लोगों की पनाह लेना उतना ही घातक साबित हो सकत
मुसीबत में बड़े लोगों की पनाह लेना उतना ही घातक साबित हो सकत
*प्रणय प्रभात*
लिखना
लिखना
Shweta Soni
जब चांदनी रातों मे
जब चांदनी रातों मे
कार्तिक नितिन शर्मा
*सबकी अपनी दुनिया*
*सबकी अपनी दुनिया*
Dr. Vaishali Verma
निस दिवस मां नाम रटूं, धर हिवड़े में ध्यांन।
निस दिवस मां नाम रटूं, धर हिवड़े में ध्यांन।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
मैं गुल गुलशन बहार ले आया हूँ
मैं गुल गुलशन बहार ले आया हूँ
VINOD CHAUHAN
अयोध्या धाम
अयोध्या धाम
विजय कुमार अग्रवाल
//अब इंसान परेशान है//
//अब इंसान परेशान है//
पूर्वार्थ
"फिर"
Dr. Kishan tandon kranti
4759.*पूर्णिका*
4759.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तर्क-ए-उल्फ़त
तर्क-ए-उल्फ़त
Neelam Sharma
Loading...