Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Oct 2024 · 1 min read

4686.*पूर्णिका*

4686.*पूर्णिका*
🌷 काश लेते तुम फैसला 🌷
212 22 212
काश लेते तुम फैसला ।
आज लेते तुम फैसला ।।
संवरती सच ये जिंदगी।
देख लेते तुम फैसला।।
बात दिल में कुछ ना रखे।
सोच लेते तुम फैसला।।
क्या कहेंगी दुनिया यहाँ ।
जान लेते तुम फैसला।।
खूब दे प्यार भी खेदू।
मान लेते तुम फैसला।।
………..✍️ डॉ. खेदू भारती। “सत्येश “
17-10-2024 गुरुवार

105 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

मेघा आओ
मेघा आओ
Dr Archana Gupta
..
..
*प्रणय प्रभात*
जय माँ हंसवाहिनी।
जय माँ हंसवाहिनी।
Priya princess panwar
प्रेम तुझे जा मुक्त किया
प्रेम तुझे जा मुक्त किया
Neelam Sharma
क्या कहता है ये मौन ?
क्या कहता है ये मौन ?
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
"हकीकत"
Dr. Kishan tandon kranti
बाल कविता
बाल कविता
Raj kumar
बची रहे संवेदना...
बची रहे संवेदना...
डॉ.सीमा अग्रवाल
समय की महत्ता
समय की महत्ता
उमा झा
एक संगठन, ध्वजा भगवा धारी,
एक संगठन, ध्वजा भगवा धारी,
आलोक पांडेय
कविता
कविता
Rambali Mishra
तुझसे परेशान हैं आज तुझको बसाने वाले
तुझसे परेशान हैं आज तुझको बसाने वाले
VINOD CHAUHAN
आओ पास पास बैठें
आओ पास पास बैठें
surenderpal vaidya
बदल सकता हूँ मैं......
बदल सकता हूँ मैं......
दीपक श्रीवास्तव
अंधविश्वास
अंधविश्वास
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जब थकान हावी हो...
जब थकान हावी हो...
पूर्वार्थ
ढ़ांचा एक सा
ढ़ांचा एक सा
Pratibha Pandey
शरीर को जिसने प्राण दिए बस उसी की जय कीजिए
शरीर को जिसने प्राण दिए बस उसी की जय कीजिए
Hafiz Shanuddin
हमारा कोई नहीं है
हमारा कोई नहीं है
shabina. Naaz
जीवन एक उत्सव
जीवन एक उत्सव
Mahender Singh
रोटी का कद्र वहां है जहां भूख बहुत ज्यादा है ll
रोटी का कद्र वहां है जहां भूख बहुत ज्यादा है ll
Ranjeet kumar patre
राजनीति और प्यार
राजनीति और प्यार
guru saxena
क्या यही कारण है दूर जाने का?
क्या यही कारण है दूर जाने का?
Mahesh Ojha
दोहा पंचक. . . . जीवन
दोहा पंचक. . . . जीवन
sushil sarna
सफल हुए
सफल हुए
Koमल कुmari
*पल्लव काव्य मंच द्वारा कवि सम्मेलन, पुस्तकों का लोकार्पण तथ
*पल्लव काव्य मंच द्वारा कवि सम्मेलन, पुस्तकों का लोकार्पण तथ
Ravi Prakash
काश जज्बात को लिखने का हुनर किसी को आता।
काश जज्बात को लिखने का हुनर किसी को आता।
अश्विनी (विप्र)
हंसना मना है 😂
हंसना मना है 😂
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
मुक्तक _ चाह नहीं,,,
मुक्तक _ चाह नहीं,,,
Neelofar Khan
आधार छंद-- अहीर
आधार छंद-- अहीर
n singh
Loading...