Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Oct 2024 · 1 min read

रोशनी और कुदरत की सोच रखते हैं।

रोशनी और कुदरत की सोच रखते हैं।
बस हम सभी अपनी जिंदगी जीते हैं।

170 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

..
..
*प्रणय प्रभात*
काश तुम ये जान पाते...
काश तुम ये जान पाते...
डॉ.सीमा अग्रवाल
न तुम भूल जाना
न तुम भूल जाना
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
जिंदगी से कुछ यू निराश हो जाते हैं
जिंदगी से कुछ यू निराश हो जाते हैं
Ranjeet kumar patre
इन चरागों का कोई मक़सद भी है
इन चरागों का कोई मक़सद भी है
Shweta Soni
4336.*पूर्णिका*
4336.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आभार
आभार
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
ओढ़े जुबां झूठे लफ्जों की।
ओढ़े जुबां झूठे लफ्जों की।
Rj Anand Prajapati
जो चाहने वाले होते हैं ना
जो चाहने वाले होते हैं ना
पूर्वार्थ
लाख समझाओ इनको, समझते नहीं ,
लाख समझाओ इनको, समझते नहीं ,
Neelofar Khan
इंसान
इंसान
Ram Krishan Rastogi
तेरी आंखों में देखा तो पता चला...
तेरी आंखों में देखा तो पता चला...
Sunil Suman
है हार तुम्ही से जीत मेरी,
है हार तुम्ही से जीत मेरी,
कृष्णकांत गुर्जर
रींगस वाली राह पकड़कर
रींगस वाली राह पकड़कर
अरविंद भारद्वाज ARVIND BHARDWAJ
हल्की बातों से आँखों का भर जाना
हल्की बातों से आँखों का भर जाना
©️ दामिनी नारायण सिंह
तेरे ना होने का एहसास....
तेरे ना होने का एहसास....
Akash RC Sharma
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
जग सारा पण्डित बने, पढ़ कर चार किताब।
जग सारा पण्डित बने, पढ़ कर चार किताब।
Kalamkash
इतना विश्वास है तुम पर प्रभु जी
इतना विश्वास है तुम पर प्रभु जी
Buddha Prakash
किरदार
किरदार
Ruchika Rai
दहेज
दहेज
Mansi Kadam
"सफलता का राज"
Dr. Kishan tandon kranti
*साठ-सत्तर के दशक में रामपुर में सिनेमाघर*
*साठ-सत्तर के दशक में रामपुर में सिनेमाघर*
Ravi Prakash
नैन अपने यूँ ही न खोये है ।
नैन अपने यूँ ही न खोये है ।
Dr fauzia Naseem shad
मैं उदास क्यो मुझको पता नही ।
मैं उदास क्यो मुझको पता नही ।
विवेक दुबे "निश्चल"
समय की पुकार
समय की पुकार
Shyam Sundar Subramanian
चुरा लो हसीन लम्हो को उम्र से, जिम्मेदारियां मोहलत कब देती ह
चुरा लो हसीन लम्हो को उम्र से, जिम्मेदारियां मोहलत कब देती ह
$úDhÁ MãÚ₹Yá
मेरी आंखों के काजल को तुमसे ये शिकायत रहती है,
मेरी आंखों के काजल को तुमसे ये शिकायत रहती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जीवन और रंग
जीवन और रंग
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जिंदगी तेरे सफर में क्या-कुछ ना रह गया
जिंदगी तेरे सफर में क्या-कुछ ना रह गया
VINOD CHAUHAN
Loading...