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10 Oct 2024 · 1 min read

ज़िन्दगानी में ऐसा हाल न हो ।

ज़िन्दगानी में ऐसा हाल न हो ।
तुमको खोकर मुझे मलाल न हो।

मुख्तलिफ़ लोग साथ रह लेंगे,
दरमियां सोच का बवाल न हो।

भीग जाएगा अश्कों से दामन,
मेरे हाथों में गर रूमाल न हो।

ज़िंदगी पर यक़ीन आ जाता,
मौत का गर हमें ख़्याल न हो।
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद

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