कितना कुछ बाकी था
कितना कुछ बाकी था
कहने को, समझाने को
उम्र छोटी पड़ गई
रूठने और मनाने को
चित्रा बिष्ट
कितना कुछ बाकी था
कहने को, समझाने को
उम्र छोटी पड़ गई
रूठने और मनाने को
चित्रा बिष्ट