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9 Oct 2024 · 1 min read

4596.*पूर्णिका*

4596.*पूर्णिका*
🌷 हमने बदल कर देखा 🌷
22 212 22
हमने बदल कर देखा।
हमने सदल कर देखा।।
मंजिल भी मिली अपनी।
हमने निकल कर देखा।।
बाजी हार के जीते।
हमने नकल कर देखा।।
साजन प्यार से रहते।
हमने असल कर देखा।।
दुनिया साथ में खेदू।
हमने सबल कर देखा।।
……✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
09-10-2024 बुधवार

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