Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
29 Sep 2024 · 1 min read

सभी इंसान हैं

मैं भी इंसान हूं
तू भी इंसान है
ना कोई हीन है
ना कोई महान है…
(१)
जितनी अधिक है
तेरी यह दुनिया
उतना ही अधिक
मेरा यह ज़हान है…
(२)
जिसको तू मसले
कीड़ा समझके
उसे चोट लगती
उसमें भी जान है…
(३)
ये रंग, नस्ल या
ज़ात है क्या
बस झूठ-मूठ का
एक गुमान है…
#geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#जातिगत_जनगणना_जरुरी_है #दलित
#सामाजिक_न्याय #आरक्षण #पिछड़ा
#एकलव्य #कर्ण #अर्जुन #आदिवासी
#socialjustice #CasteCensus
#ब्लैक #नीग्रो #गीलाम #शूद्र #अछूत

Loading...