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29 Sep 2024 · 1 min read

दोहे

सृजन शब्द: ममता

माँ की ममता में रखो,आदर गहरा आप।
पूजा चरणों की करो,सारे कटते
पाप।।

माँ तो झरना प्रेम का, कर लो ममता पान।
आगे उसके रब झुके, ऐसी उसकी शान।।

ऐसी ममता मात की, ईश्वर कहते लोग।
मां से लगती रौनकें, सारे मिटते सोग।।

आंसू झरते आंख से, सब है सहती पीर।
जीवन जननी मात है , पावन अँचरा चीर।

कीमत ममता की करो, क्या है इसका मोल।
माँ ही करती पालना, देखो नयना खोल।।

सीमा शर्मा

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