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29 Sep 2024 · 1 min read

कभी पलट कर जो देख लेती हो,

कभी पलट कर जो देख लेती हो,
उम्मीद में लोग बेक़रार हो जाते!
कभी हॅंस कर जो बोल देती हो
सच, कितने लोग बर्बाद हो जाते!
क्यूॅं नहीं सॅंभल कर तू रहती हो,
जो भटके लोग आबाद हो जाते!

…. अजित कर्ण ✍️

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