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24 Sep 2024 · 1 min read

मुक्तक

मुक्तक

श्रद्धा के बीज़, संस्कारों के फूल आओ खिलाएं चलो
इस युवा पीढ़ी को, संस्कृति का पाठ आओ पढ़ाएं चलो ll

कहीं भटक ना जाये, राहे – जिंदगी से ये सब
गीत जिंदगी का गुनगुनाना, इनको आओ सिखाएँ चलो ll

अनिल कुमार गुप्ता अंजुम

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