Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Sep 2024 · 1 min read

कलयुग में कुरुक्षेत्र लडों को

अंधे लोग बहरा राजा, कुदरत का हैं फेर ।
बीच सड़क पर हत्या होवे, ऐसा हैं प्रदेश ।।
बीबी बेवा बच्चे अनाथ, कोई नहीं सुनवाई ।
गुंडागर्दी बीच सड़क पर, पुलिस बनी हैं लुगाई ।।
रोते बच्चे चीखे नार, न हो रही F.I.R. ।
हिंदू-मुस्लिम केवल फंडा, न मिट रहा भ्रष्टाचार ।।
चौकी थाना और अदालत, केवल हैं हथियार ।
जिसके हाथ में सत्ता का बल, वो ही हैं सरकार ।।
जो बोले सो कुंडी खोले, न सुनी जाय चीत्कार ।
कलयुग में कुरुक्षेत्र लडों को, वीर विहीन संसार ।।
चले लेखनी तेजपुरिया, धरती मां की आन ।
करनी भरनी बचा न कोई, वही अर्जुन वही वान ।।

श्याम सिंह लोधी राजपूत “तेजपुरिया”
सर्वाधिकार सुरक्षित

144 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

" वास्ता "
Dr. Kishan tandon kranti
नश्वर तन को मानता,
नश्वर तन को मानता,
sushil sarna
हमारी मंजिल
हमारी मंजिल
Diwakar Mahto
साथ मेरे था
साथ मेरे था
Dr fauzia Naseem shad
..
..
*प्रणय प्रभात*
2929.*पूर्णिका*
2929.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
- हर हाल में एक जैसे रहो -
- हर हाल में एक जैसे रहो -
bharat gehlot
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जल स्रोतों का संरक्षण
जल स्रोतों का संरक्षण
C S Santoshi
जब हम निर्णय लेते हैं और हम जो अभी हैं उससे बेहतर बनने का प्
जब हम निर्णय लेते हैं और हम जो अभी हैं उससे बेहतर बनने का प्
ललकार भारद्वाज
अजीब उम्र है... खुद का पता नहीं और
अजीब उम्र है... खुद का पता नहीं और
Ranjeet kumar patre
पापा
पापा
ARPANA singh
स्थायित्व।
स्थायित्व।
कुमार स्वरूप दहिया
हिंदी है मेरी भाषा लिपि देवनागरी ,
हिंदी है मेरी भाषा लिपि देवनागरी ,
Anamika Tiwari 'annpurna '
मालपुआ
मालपुआ
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
पिताजी की बाते
पिताजी की बाते
Kaviraag
sp77 नदी नाव मझ धार
sp77 नदी नाव मझ धार
Manoj Shrivastava
बेरंग
बेरंग
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
नाटक
नाटक
Nitin Kulkarni
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ
Dr Archana Gupta
*दुनियादारी की समझ*
*दुनियादारी की समझ*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
समूचे विश्व में अपना भी स्वाभिमान निखरेगा,
समूचे विश्व में अपना भी स्वाभिमान निखरेगा,
Abhishek Soni
जो रोज समय पर उगता है
जो रोज समय पर उगता है
Shweta Soni
आज जब वाद सब सुलझने लगे...
आज जब वाद सब सुलझने लगे...
डॉ.सीमा अग्रवाल
ये जिंदगी गुलाल सी तुमसे मिले जो साज में
ये जिंदगी गुलाल सी तुमसे मिले जो साज में
©️ दामिनी नारायण सिंह
इश्क़
इश्क़
ओनिका सेतिया 'अनु '
*गाता मन हर पल रहे, तीर्थ अयोध्या धाम (कुंडलिया)*
*गाता मन हर पल रहे, तीर्थ अयोध्या धाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बलदेव छठ
बलदेव छठ
Mahesh Jain 'Jyoti'
अपना जीना कम क्यों हो
अपना जीना कम क्यों हो
Shekhar Chandra Mitra
श्रेष्ठ वही है...
श्रेष्ठ वही है...
Shubham Pandey (S P)
Loading...