Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Sep 2024 · 1 min read

कैसी दुनिया है की जी भी रहे है और जीने के लिए मर भी रहे है । क्या अजब लीला है तेरी की जो खो रहे ह, आखिर वही पा रहे

कैसी दुनिया है की जी भी रहे है ,
और जीने के लिए मर भी रहे है ।

153 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अश्विनी (विप्र)
View all

You may also like these posts

मुस्कुराओ
मुस्कुराओ
पूर्वार्थ
*BOOKS*
*BOOKS*
Poonam Matia
नमन करू
नमन करू
श्रीहर्ष आचार्य
"एक दिन लौटूंगा…मैं परदेशी"(कविता) अभिलेश श्रीभारती
Abhilesh sribharti अभिलेश श्रीभारती
सूना आज चमन...
सूना आज चमन...
डॉ.सीमा अग्रवाल
कोई हमारे लिए जब तक ही खास होता है
कोई हमारे लिए जब तक ही खास होता है
रुचि शर्मा
छीना झपटी हो रही,
छीना झपटी हो रही,
sushil sarna
मै ही क्यूं !?
मै ही क्यूं !?
Roopali Sharma
$ग़ज़ल
$ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
“दोहरी सोच समाज की ,
“दोहरी सोच समाज की ,
Neeraj kumar Soni
ये हमारा इश्क़ का दौर था जनाब।
ये हमारा इश्क़ का दौर था जनाब।
Diwakar Mahto
प्रेरणा - एक विचार
प्रेरणा - एक विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मैं
मैं
Dr.Pratibha Prakash
“लफ़्ज़-लफ़्ज़ नश्तर हैं,अर्थ में नसीहत  है।
“लफ़्ज़-लफ़्ज़ नश्तर हैं,अर्थ में नसीहत है।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
चिला रोटी
चिला रोटी
Lakhan Yadav
हाथ पताका, अंबर छू लूँ।
हाथ पताका, अंबर छू लूँ।
संजय कुमार संजू
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
ढूंढे तुझे मेरा मन
ढूंढे तुझे मेरा मन
Dr.sima
अव्दय
अव्दय
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
22. We, a Republic !
22. We, a Republic !
Ahtesham Ahmad
विजय दशमी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
विजय दशमी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
☝️      कर्म ही श्रेष्ठ है!
☝️ कर्म ही श्रेष्ठ है!
Sunny kumar kabira
हट जा भाल से रेखा
हट जा भाल से रेखा
Suryakant Dwivedi
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
ख़ुमार ही ख़ुमार है ज़मीं से आसमान तक।
ख़ुमार ही ख़ुमार है ज़मीं से आसमान तक।
डॉक्टर रागिनी
"पानी की हर बूंद और जीवन का हर पल अनमोल है। दोनों को कल के ल
*प्रणय प्रभात*
लगन प्रेम की
लगन प्रेम की
इंजी. संजय श्रीवास्तव
नकारात्मक लोगों को छोड़ देना ही उचित है क्योंकि वे आपके जीवन
नकारात्मक लोगों को छोड़ देना ही उचित है क्योंकि वे आपके जीवन
Ranjeet kumar patre
3290.*पूर्णिका*
3290.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"मन्नत"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...