Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Sep 2024 · 1 min read

*हिंदी तो मेरे मन में है*

हिंदी तो मेरे मन में है
*******************

हिंदी तो मेरे मन में है।
हिंदी तो मेरे तन में हैं।

हिंदी में जीता रहता हूँ।
ये हिंदी रंग-ढंग में है।

अरबी-फ़ारसी-अंग्रेजी,
पर हिंदी हर कण में है।

उर्दू के कितने हैँ योद्धा,
हिंदी हिंद के जन में है।

मनसीरत बदले मौसम,
हिंदीं हरदम क्षण में है।
*****************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

280 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

जब मां भारत के सड़कों पर निकलता हूं और उस पर जो हमे भयानक गड
जब मां भारत के सड़कों पर निकलता हूं और उस पर जो हमे भयानक गड
Rj Anand Prajapati
रमेशराज की ‘ गोदान ‘ के पात्रों विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की ‘ गोदान ‘ के पात्रों विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
જેને આપણે મેળવી નાથી સકતાં તેજ આપણી નજર સામે આવે છે!!
જેને આપણે મેળવી નાથી સકતાં તેજ આપણી નજર સામે આવે છે!!
Iamalpu9492
“सुकून”
“सुकून”
Neeraj kumar Soni
🙅दूसरा पहलू🙅
🙅दूसरा पहलू🙅
*प्रणय प्रभात*
संकल्प
संकल्प
Shashank Mishra
अश्क तन्हाई उदासी रह गई - संदीप ठाकुर
अश्क तन्हाई उदासी रह गई - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
पद्धरि छंद ,अरिल्ल छंद , अड़िल्ल छंद विधान व उदाहरण
पद्धरि छंद ,अरिल्ल छंद , अड़िल्ल छंद विधान व उदाहरण
Subhash Singhai
*प्रिया किस तर्क से*
*प्रिया किस तर्क से*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जिंदा हूं कि जिंदा नही भी हूं ।
जिंदा हूं कि जिंदा नही भी हूं ।
Shubham Anand Manmeet
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
कला
कला
मनोज कर्ण
माधुर्य
माधुर्य
Rambali Mishra
गले लगा लेना
गले लगा लेना
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
बरसात
बरसात
Rajeev Dutta
जिन्दा होने का सबूत दो
जिन्दा होने का सबूत दो
gurudeenverma198
- उसको देखा आज तो
- उसको देखा आज तो
bharat gehlot
पश्चातापों की वेदी पर
पश्चातापों की वेदी पर
Suryakant Dwivedi
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
इश्क के चादर में इतना न लपेटिये कि तन्हाई में डूब जाएँ,
इश्क के चादर में इतना न लपेटिये कि तन्हाई में डूब जाएँ,
Chaahat
*सिवा तेरे  सुनो हम-दम हमारा भी नहीं*
*सिवा तेरे सुनो हम-दम हमारा भी नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
तुम आना ( भाग -२)
तुम आना ( भाग -२)
Dushyant Kumar Patel
बाल कविता : काले बादल
बाल कविता : काले बादल
Rajesh Kumar Arjun
दोहा पंचक. . .
दोहा पंचक. . .
Sushil Sarna
*मतलब की दुनिया*
*मतलब की दुनिया*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मुक्ति
मुक्ति
Shashi Mahajan
यदि धन है
यदि धन है
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
I haven’t always been a good person.
I haven’t always been a good person.
पूर्वार्थ
बात का क्या है
बात का क्या है
Vivek Pandey
मौसम
मौसम
surenderpal vaidya
Loading...