विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
विषय -किताबें सबकी दोस्त!
बहुत मुश्किल है दिल से, तुम्हें तो भूल पाना
भ्रम और शक ( संदेह ) में वही अंतर है जो अंतर धुएं और बादल मे
यूं गौर से मुस्कुरा कर न मुझे देखा करों।
वाणी से हमारे संस्कार, विचार, व्यवहार और हमारे आचरण का पता च
"रचना अतिथि होती है। जो तिथि व समय बता कर नहीं आती। कभी भी,
हम कैसे जीवन जीते हैं यदि हम ये जानने में उत्सुक होंगे तभी ह
मुद्दा सुलझे रार मचाए बैठे हो।
योग ब्याम ,ध्यान कर लिए करे
*मुरादाबाद मंडलीय गजेटियर 2024 (कुंडलिया)*
हो चाहे कठिन से भी कठिन काम,
*विभाजित जगत-जन! यह सत्य है।*
मुकाम जब मिल जाए, मुकद्दर भी झुक जाता है,