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16 Sep 2024 · 1 min read

#मुक्तक-

#मुक्तक-
■ कुछ तो लया।
【प्रणय प्रभात】
बहुत कुछ छीनने के बाद लाया,
तराना ना सही रूदाद लाया।
हरे फिर हो गए हैं ज़ख़्म सारे,
नया मौसम पुरानी याद लाया।।
👌👌👌👌👌👌👌👌👌

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