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12 Sep 2024 · 1 min read

काल का पता नही कब आए,

काल का पता नही कब आए,
मजबूरियो के तले, चैन से जी नही पाए,

हम सफर है तुम्हारे, इतने भी कसूरवार नही,
आज नफरत जता रहे हो, कुछ को अपना जान कर,

एहसास होगा तुम्हें जब, जब हम न होंगे,

मुहोब्बत जताने को हम न मिलेंगे,
आसुओं में आंचल भिगो कर हमे याद केरोगे….

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