Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
12 Sep 2024 · 1 min read

मुफ्त की खुशियां

कभी कभी लगता है
ज़िन्दगी के महासागर में
गहरी से भी गहरी
यात्राओं के बाद
भारी कीमत चुका कर
हासिल किये हुए
समझ के कीमती ख़ज़ाने भी
कभी वो ख़ुशी नहीं दे सकते ,,,,,
‘जो जीवन की सतही लहरों पर
हर जोखिम से अनजान
एक टूटी सी कश्ती में सवार
नासमझी के बेपरवाह झोखे
बिना कोई एहसान जताए
मासूमियत की हथेलियों पर
जो खुशियां
मुफ्त में ही दे जाते हैं ‘ ,,,,
– क्षमा उर्मिला

Loading...