Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Sep 2024 · 1 min read

मै ही रहा मन से दग्ध

मै ही रहा मन से दग्ध
और देह से शापित
दर्द उगता है दिल में
तेरी यादों के जालों से
घिरा रहता हूँ मैं
अकुलाता उमड़ते ज्वार सा

हिमांशु Kulshrestha

228 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
बेटियां प्रेम करती हैं तो इज़्ज़त उछल जाती है.....
बेटियां प्रेम करती हैं तो इज़्ज़त उछल जाती है.....
Ranjeet kumar patre
वैदिक विवाह
वैदिक विवाह
Dr. Vaishali Verma
गीत- किसी से प्यार हो जाए...
गीत- किसी से प्यार हो जाए...
आर.एस. 'प्रीतम'
कागज कोरा, बेरंग तस्वीर
कागज कोरा, बेरंग तस्वीर
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
उम्मीद का दिया
उम्मीद का दिया
Mahesh Ojha
तुम्हे चिढ़ाए मित्र
तुम्हे चिढ़ाए मित्र
RAMESH SHARMA
नित्य रहो़ं रत साधना, त्याग सभी संताप।
नित्य रहो़ं रत साधना, त्याग सभी संताप।
संजय निराला
"मैं-मैं का शोर"
Dr. Kishan tandon kranti
दोहे- उड़ान
दोहे- उड़ान
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
If
If
सिद्धार्थ गोरखपुरी
मेरा राम, तुम्हारे राम से भिन्न है,
मेरा राम, तुम्हारे राम से भिन्न है,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
प्रभात
प्रभात
*प्रणय प्रभात*
*अपने अंतर्मन में बैठे, शिव का आओ कुछ ध्यान धरें (राधेश्यामी
*अपने अंतर्मन में बैठे, शिव का आओ कुछ ध्यान धरें (राधेश्यामी
Ravi Prakash
शादी
शादी
Adha Deshwal
चिंतन...
चिंतन...
ओंकार मिश्र
दोहा
दोहा
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
3880.*पूर्णिका*
3880.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुम मुझे गुनगुनाओ तो सही, अपना कह कर प्यार जताओ तो सही साथ र
तुम मुझे गुनगुनाओ तो सही, अपना कह कर प्यार जताओ तो सही साथ र
पूर्वार्थ देव
सबको खुश रखना उतना आसां नहीं
सबको खुश रखना उतना आसां नहीं
Ajit Kumar "Karn"
यह देख मेरा मन तड़प उठा ...
यह देख मेरा मन तड़प उठा ...
Sunil Suman
पाठ कविता रुबाई kaweeshwar
पाठ कविता रुबाई kaweeshwar
jayanth kaweeshwar
"की टूटे हुए कांच की तरह चकना चूर हो गया वो
पूर्वार्थ
मोहमाया के जंजाल में फंसकर रह गया है इंसान
मोहमाया के जंजाल में फंसकर रह गया है इंसान
Rekha khichi
*******प्रेम-गीत******
*******प्रेम-गीत******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ग़ज़ल (चलो आ गयी हूँ मैं तुम को मनाने)
ग़ज़ल (चलो आ गयी हूँ मैं तुम को मनाने)
डॉक्टर रागिनी
रमेशराज की कहमुकरी संरचना में 10 ग़ज़लें
रमेशराज की कहमुकरी संरचना में 10 ग़ज़लें
कवि रमेशराज
सुरक से ना मिले आराम
सुरक से ना मिले आराम
AJAY AMITABH SUMAN
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
कोरोना और पानी
कोरोना और पानी
Suryakant Dwivedi
Loading...