Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
11 Sep 2024 · 1 min read

ये दाग क्यों जाते नहीं,

ये दाग क्यों जाते नहीं,
बुझती नहीं ये आग क्यों।
कलियाँ झुलसती हैं अभी,
जलते मिले ये बाग क्यों।।

— ननकी 11/09/2024

Loading...