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9 Sep 2024 · 1 min read

जय गणेश देवा

आरती जय श्री गणेश की।

जय गणेश जय गणेश देवा
राष्ट्रीय एकता ला अखंड कर देवा
लड्डू,और मोदक के भोग ले लेवा
जेखर गोदी सुना हे ओला भर देवा
जय गणेश जय गणेश देवा

अंध, मूक, बधीर मन के
आंखी,कान,कंठ खोल देवा
हर शुभ कार्य मा हम सब ला आशीष देवा।
जय गणेश जय गणेश देवा।

दिन, हीन, दुखी,दरिद्र मन के भाग्य खोल देवा
अऊ रोगी मन ला आप
ठीक कर देवा।
जय गणेश जय गणेश देवा।

हर शुभ कार्य म करत हन
तोर सेवा
हमर मनोकामना ला पूरा कर देवा।
अतके हमर विनती हे ओला सुन लेवा
बने बने रहे के आशीष
देवव मोला।
जय गणेश जय गणेश देवा।

रचनाकार
संतोष कुमार मिरी
रायपुर छत्तीसगढ़

Language: Chhattisgarhi
Tag: Poem
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