देख विस्तार , काँपने लगे हम....
*कहॉं गए वे लोग जगत में, पर-उपकारी होते थे (गीत)*
कविता -- भारत फिर विश्व गुरु बन जाएगा
हर स्टूडेंट की दर्द भरी कहानी गुप्तरत्न की जुबानी har student ki dard bhari kahani guptratn ki zubani
तुम्हें बुरी लगती हैं मेरी बातें, मेरा हर सवाल,
कमबख्त ये तेरे इश्क़ की गुजारिश हैं,
Being liked and loved is a privilege,
हँसते हैं, पर दिखाते नहीं हम,
In Love, Every Pain Dissolves
उस गली से जब भी गुजरना होता है.
जिंदगी छोटी बहुत,घटती हर दिन रोज है