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7 Sep 2024 · 1 min read

" शून्य "

” शून्य ”
शून्य कहता हमें यूँ ना समझ
बस पहले न लगाओ,
मेरी ताकत छुपी न किसी से
गर पीछे लगाते जाओ।

जितनी बार भी लगता जाऊँ
दस गुनी शक्ति बढ़ाऊँ,
अपने सम्मोहन के बल पर
मैं सारा जग नचाऊँ।

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