" हुई हृदय झंकार "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
होली में अश्लीलता भी आज कल बेजोड़ है।
मज्मा' दोस्तों का मेरे खिलाफ़ हो गया,
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
गिरमिटिया मजदूर
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
इस आकाश में अनगिनत तारे हैं
सर्दियों का मौसम - खुशगवार नहीं है
चाॅंद
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
चलो मिलते हैं पहाड़ों में,एक खूबसूरत शाम से
हिचकियों की मुझे तमन्ना है ,
नफरतों के_ शहर में_ न जाया करो
हैं फुर्सत के पल दो पल, तुझे देखने के लिए,