लम्बी राहें दर्द की,
लम्बी राहें दर्द की,
सुख की छोटी छाँव ।
व्याकुल मन यह ढूँढता,
कहाँ मिलेगी ठाँव ।।
सुशील सरना / 1-9-24
लम्बी राहें दर्द की,
सुख की छोटी छाँव ।
व्याकुल मन यह ढूँढता,
कहाँ मिलेगी ठाँव ।।
सुशील सरना / 1-9-24