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1 Sep 2024 · 1 min read

मुक्तक

मुक्तक
🥰
सुरमई रात को , चाँद शरमा गया ,
शोर बादल का भी , दिल दहला गया ,
सोचता फिर रहा , बात कैसे करूं ,
“नील” नज़रें मिलाकर वो घबरा गया ।
✍️नील रूहानी,, 01/09/2024,,,,

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