Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Sep 2024 · 1 min read

# खरी बात

# खरी बात
प्रतिउत्तर में यदि आप दो शब्द अपने मित्रों को नहीं लिख सकते हैं तो आप मित्र कभी किसी के नहीं बन सकते ! आपके बहाने में आपकी अकर्मण्यता छुपी रहती है ! @ परिमल

138 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

वो अपने दर्द में उलझे रहे
वो अपने दर्द में उलझे रहे
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
आँखों में मुहब्बत दिखाई देती है
आँखों में मुहब्बत दिखाई देती है
डी. के. निवातिया
प्यार की चंद पन्नों की किताब में
प्यार की चंद पन्नों की किताब में
Mangilal 713
तुम तो साजन रात के,
तुम तो साजन रात के,
sushil sarna
क्या लिखूं ?
क्या लिखूं ?
Rachana
सुनो,
सुनो,
हिमांशु Kulshrestha
*जब कभी दिल की ज़मीं पे*
*जब कभी दिल की ज़मीं पे*
Poonam Matia
राजनीति
राजनीति
विशाल शुक्ल
मन
मन
krupa Kadam
मैं मायूस ना होती
मैं मायूस ना होती
Sarla Mehta
एक दिन जब वो अचानक सामने ही आ गए।
एक दिन जब वो अचानक सामने ही आ गए।
सत्य कुमार प्रेमी
ग़ज़ल के क्षेत्र में ये कैसा इन्क़लाब आ रहा है?
ग़ज़ल के क्षेत्र में ये कैसा इन्क़लाब आ रहा है?
कवि रमेशराज
संस्कारी लड़की
संस्कारी लड़की
Dr.Priya Soni Khare
मूक निमंत्रण
मूक निमंत्रण
शशि कांत श्रीवास्तव
विचार ही हमारे वास्तविक सम्पत्ति
विचार ही हमारे वास्तविक सम्पत्ति
Ritu Asooja
जीवन में अहम और वहम इंसान की सफलता को चुनौतीपूर्ण बना देता ह
जीवन में अहम और वहम इंसान की सफलता को चुनौतीपूर्ण बना देता ह
Lokesh Sharma
फिर  किसे  के  हिज्र  में खुदकुशी कर ले ।
फिर किसे के हिज्र में खुदकुशी कर ले ।
himanshu mittra
*सदा गाते रहें हम लोग, वंदे मातरम् प्यारा (मुक्तक)*
*सदा गाते रहें हम लोग, वंदे मातरम् प्यारा (मुक्तक)*
Ravi Prakash
अनगिनत सवाल थे
अनगिनत सवाल थे
Chitra Bisht
"कथरी"
Dr. Kishan tandon kranti
भाव - श्रृंखला
भाव - श्रृंखला
Shyam Sundar Subramanian
मैं तुम्हें रामसेतु दिखाउंगा
मैं तुम्हें रामसेतु दिखाउंगा
Harinarayan Tanha
#लघुकथा
#लघुकथा
*प्रणय प्रभात*
सफ़र में लाख़ मुश्किल हो मगर रोया नहीं करते
सफ़र में लाख़ मुश्किल हो मगर रोया नहीं करते
Johnny Ahmed 'क़ैस'
चले हैं सब यही सोचकर की मंज़िल हमको मिल ही जाएगी।
चले हैं सब यही सोचकर की मंज़िल हमको मिल ही जाएगी।
Madhu Gupta "अपराजिता"
एक शख्सियत
एक शख्सियत
Khajan Singh Nain
समधि (37)
समधि (37)
Mangu singh
किसी महिला का बार बार आपको देखकर मुस्कुराने के तीन कारण हो स
किसी महिला का बार बार आपको देखकर मुस्कुराने के तीन कारण हो स
Rj Anand Prajapati
*** भूख इक टूकड़े की ,कुत्ते की इच्छा***
*** भूख इक टूकड़े की ,कुत्ते की इच्छा***
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
प्राण प्रतिष्ठा
प्राण प्रतिष्ठा
आर एस आघात
Loading...