फिर एक पल भी ना लगा ये सोचने में........
तुलसी पूजन(देवउठनी एकादशी)
जाने कितने देवालय को,नालन्दा से विद्यालय को,
আমরা সেই দুর্ভাগা সমাজের অংশ
धनवान बनने के लिए एक-एक कण का संग्रह करना पडता है और गुणवान
एक गरीब की इज्जत अमीर की शोहरत से कई गुना अधिक बढ़ के होती ह
महात्मा गांधी ,एवम लाल बहादुर शास्त्री पर
Life through the window during lockdown
*भाषा संयत ही रहे, चाहे जो हों भाव (कुंडलिया)*
धुल जाएगी रंगत फूलों की ,
न पूछिए, दीवानों का हाल-ए-दिल
लोगों के रिश्तों में अक्सर "मतलब" का वजन बहुत ज्यादा होता है
आप हर पल हर किसी के लिए अच्छा सोचे , उनके अच्छे के लिए सोचे
कौन पैदा हुआ कौन मरा, बुद्ध संकल्पना
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
अंदाज़े शायरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
गरीबी
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi