Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Aug 2024 · 1 min read

वंश वृक्ष

सुखद आश्चर्य
यदि किसी माँ की
किसी की दादी की
किसी की परदादी की
25वीं पुण्यतिथि मनाई जाये ।

वसुधा को कुटुम्ब मानते हैं हम
लेकिन अपने कुटुम्ब के
परदादा/दादी का नाम नहीं जानते ।
अपनी संस्कृति से कटकर
जाति, पंथों में बंटकर
अपनी परम्परायें नहीं पहचानते ।

आओ हम सब
अपने अपने कुटुम्ब का
वंश वृक्ष बनायें ।
अपने पुरखों को जानें
उनकी विशिष्टियां पहचाने
उनके गुण गायें ।

187 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Laxmi Narayan Gupta
View all

You may also like these posts

वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
दर्द में रहती हो
दर्द में रहती हो
ललकार भारद्वाज
बस्ता
बस्ता
sushil sharma
रमेशराज के पशु-पक्षियों से सम्बधित बाल-गीत
रमेशराज के पशु-पक्षियों से सम्बधित बाल-गीत
कवि रमेशराज
देखा नहीं आईना, भूलकर भी उन्होंने
देखा नहीं आईना, भूलकर भी उन्होंने
Umender kumar
परछाईयों की भी कद्र करता हूँ
परछाईयों की भी कद्र करता हूँ
VINOD CHAUHAN
कुछ अल्फाज ❤️
कुछ अल्फाज ❤️
Vivek saswat Shukla
विश्व वन्य दिवस
विश्व वन्य दिवस
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जो कमाता है वो अपने लिए नए वस्त्र नहीं ख़रीद पाता है
जो कमाता है वो अपने लिए नए वस्त्र नहीं ख़रीद पाता है
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
"आधी रात के बाद"
©️ दामिनी नारायण सिंह
"मानो या न मानो"
Dr. Kishan tandon kranti
मुफ्तखोर
मुफ्तखोर
श्रीकृष्ण शुक्ल
परेशानियों से न घबराना
परेशानियों से न घबराना
Vandna Thakur
आरज़ू है
आरज़ू है
Dr fauzia Naseem shad
भारत में धार्मिक राजनीति प्रबल है यहां मंदिर और मस्जिद का नि
भारत में धार्मिक राजनीति प्रबल है यहां मंदिर और मस्जिद का नि
Rj Anand Prajapati
6) इंतज़ार
6) इंतज़ार
नेहा शर्मा 'नेह'
मौसम और हम तुम.......
मौसम और हम तुम.......
Neeraj Kumar Agarwal
खुदा है भी या नहीं ! (ग़ज़ल)
खुदा है भी या नहीं ! (ग़ज़ल)
ओनिका सेतिया 'अनु '
रंग भरी होली आई।
रंग भरी होली आई।
shashisingh7232
रुख़सारों की सुर्खियाँ,
रुख़सारों की सुर्खियाँ,
sushil sarna
किसान
किसान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मुस्कुराना सीखिए
मुस्कुराना सीखिए
साहित्य गौरव
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के 10 वर्ष पूर्ण होने पर विशेष
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के 10 वर्ष पूर्ण होने पर विशेष
Raj kumar
परखा बहुत गया मुझको
परखा बहुत गया मुझको
शेखर सिंह
शब्द
शब्द
Ajay Mishra
मकसद ......!
मकसद ......!
Sangeeta Beniwal
नसीब को मैंने उस दिन से मानना छोड़ दिया था
नसीब को मैंने उस दिन से मानना छोड़ दिया था
पूर्वार्थ
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
4711.*पूर्णिका*
4711.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सोचे सारे ख्वाब
सोचे सारे ख्वाब
RAMESH SHARMA
Loading...