काव्य-अनुभव और काव्य-अनुभूति
ख़ुद को फ़लक़ से नीचे उतारा अभी अभी
घर पर ध्यान कैसे शुरू करें। ~ रविकेश झा
'डोरिस लेसिगं' (घर से नोबेल तक)
तेरी गोरी चमड़ी काली, मेरी काली गोरी है।
महिला दिवस विशेष -कारण हम आप हैं
आपकी बुद्धिमत्ता को कभी भी एक बार में नहीं आंका जा सकता क्यो
करवा चौथ घनाक्षरी ( हास्य)
ऐसे ही थोड़ी किसी का नाम हुआ होगा।