प्रतीक्षा अहिल्या की.......
शांत नगरिया राम की, रामनगर है नाम।
नाम हमने लिखा था आंखों में
ब्राह्मण बुराई का पात्र नहीं है
"मुश्किलों से मन भर गया है मेरा ll
महान व्यक्तित्व
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
यूं न इतराया कर,ये तो बस ‘इत्तेफ़ाक’ है
बाद मुद्दत के हम मिल रहे हैं
*टाले से टलता कहाँ ,अटल मृत्यु का सत्य (कुंडलिया)*
आँखे तो भर आती थी रिश्तों के लिए।
कहमुकरी : एक परिचयात्मक विवेचन
एक रचयिता सृष्टि का , इक ही सिरजनहार
रंग बदलते पत्तों को पेड़ भी अपने आप से अलग कर देता है